पद से कद का मान नहीं, कद से पद का मान बढ़ायें
विगत कुछ समय से एवं आने वाले समय में माहेश्वरी समाज सामाजिक संगठन में क्षेत्र, जिला, प्रदेश, अंचल एवं अखिल भारतीय माहेश्वरी समाज में आगामी तीन वर्षों के लिये नेतृत्व परिवर्तन की प्रक्रिया चालू है। आए दिन समाज की अनेकों सामाजिक संस्थाओं में समयावधि के अंतर्गत नेतृत्व परिवर्तन की निरंतर प्रक्रिया चालू रहती है। ये समस्त संस्थाएं समाज सेवा की भावी संस्थाएं हैं जो समाज सेवा का कार्य कर समाज में व्यक्तियों को उन्नत व्यवस्था दिलाने की थोड़ी सी कोशिश करने का यथा संभव प्रयास करते हैं।
सोशल मीडिया के इस युग में फेसबुक, व्हाटसेप, इन्स्टा, पत्र पत्रिकाओं में किसी पद पर नियुक्ति या छोटे-छोटे सेवा कार्यों के अनगिनत फोटो नजर आते हैं। सामाजिक उन्नति की दिशा में किसी मुकाम पर पहुंचना नि:संदेह खुशी एवं स्वाभिमान की बात है। आत्मीयजनों के लिये भी यह उत्साह एवं आनंद के पल होते हैं, परंतु व्यक्ति विशेष और पदग्राह्यकर्ता के लिये ये उमंग से अधिक उत्तरदायित्व के मार का एहसास होना चाहिये।
निश्चित अवधि में पद के अनुरूप कार्य करते हुए हमें सदैव जागरुक होना चाहिये कि इस पद मात्र से हमारे कद का मन सुरक्षित न हो अपितु हमारे कार्य उस दिशा में इतने अधिव उत्तम और उपयोगी होने चाहिये कि उससे उस पद की गरिमा दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ जाये।
जिंदगी की राह में व्यक्ति बड़ा बनता है अपने कार्यों से। कार्य सिद्ध होते हैं अपने ज्ञान से, अपने अनुभव से, अपने व्यवहार से, अपनी अप्रतिम कार्य क्षमता से, अपनी निष्ठा, लगन और मेहनत से। अत: हमें अपने आप में और अपने बच्चों तथा आने वाली पीढ़ियों को सामाजिक संगठनों में अपने सदस्यों में आरंभ से उत्तम कार्यों को करने की प्रवृत्ति विकसित करना चाहिये।
संस्थाओं में जमीनी स्तर से इस प्रवृत्ति पर जोर देना चाहिये कि ये पद समाज सेवा के पद है। यहां अभिमान का भाव या उस पद के प्रदर्शन का भाव नहीं रखें। पद ग्रहण पर लंबे-लंबे इश्तहार छपवाने, शहर में बैनर लगवाने से अधिक नाम और शोहरत तब मिलेगी जब प्रमाण रूप में अपने द्वारा किये गये समाजोपयोगी कार्यों के फोटोज आप प्रकाशित करवाये। इससे आप का नाम भी होगा और आपके कार्यों को देखकर अन्य लोगों, अन्य संस्थाओं को इस प्रकार के समाजोपयोगी कार्य करने की प्रेरणा भी मिलेगी ।
‘‘जिंदगी की सुंदर राह बनायें कद से पद का मान बढ़ाये’’