मानवता की पुजारी – डॉ वर्षा भंडारी (सोडानी)
चिकित्सा का क्षेत्र तो वैसे ही मानवता की सेवा का क्षेत्र ही है। इसमें भी इंदौर निवासी ख्यात रेडियोलॉजिस्ट डॉ वर्षा भंडारी (सोडानी) ने अपने इस व्यवसाय को मानवता को ऐसा समर्पित किया कि यह मानवता की पूजा ही बन गया।
इंदौर ही नहीं बल्कि पूरे मप्र में डायग्नोस्टिक्स के क्षेत्र में संपूर्ण सोडाणी डायग्नोस्टिक्स सेंटर एक अत्यंत प्रतिष्ठित नाम बन चुका है। इसका संचालन वृहद रूप में ख्यात रेडियोलॉजिस्ट डॉ राजेन्द्र सोडानी एवं परिवार कर रहे हैं। इसकी सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में वर्तमान में लगभग 19 शाखाऐं हैं।
कोरोना काल के दौरान भी उनके इस सेंटर ने मानवता को समर्पित वह सेवा दी, जो मानव सेवा की मिसाल बन गई। गत दिसम्बर 2021 में उनके सोडानी डायग्नोस्टिक क्लिनिक को केंद्रीय मंत्री ने मुश्किल दौर में मानवता की सेवा के लिये पुरस्कार प्रदान कर सम्मानित भी किया था।
ऐसे बढ़े चिकित्सा की ओर कदम
डॉ सोडानी का जन्म 27 सितम्बर 1988 को सारवाड़ (राज.) में सूरत निवासी श्याम व वंदना भंडारी के यहाँ हुआ था। बचपन से ही मानवता की सेवा संस्कारों के रूप में प्राप्त हुई। माता-पिता ने एक आदर्श को अपना कर उनकी शिक्षा दीक्षा में कोई कसर नहीं रख छोड़ी कि ‘‘अगर आप एक औरत को शिक्षित करते हैं, तो आप एक पूरी पीढ़ी को शिक्षित करते हैं।’’

इसी सोच के साथ आगे बढ़ी डॉ. वर्षा पढ़ाई के साथ साथ पेंटिंग, डांसिंग, आर्ट्स में भी उतनी ही रुचि रखती है। स्मीमर मेडिकल कॉलेज, सूरत से अपना एमबीबीएस पूरा किया और वर्ष 2012 में अनुराग सोडानी से विवाह के पश्चात से इंदौर में निवास कर रही हैं।
विवाह पश्चात 6 महीने लीलावती हॉस्पिटल मुंबई में ट्रेनिंग ली। फिर 2016 से 2019 में रेडियोलॉजी में उज्जैन के आरडी गार्डी मेडिकल कालेज से पीजी करके वापस इंदौर आ गर्ई। 2021 में 1 प्यारी सी बिटिया – वाणी को जन्म दिया।
मानवता की सेवा में बाल भी दान
विवाह के बाद पति व सास-ससुर का अपार सहयोग मिला जिसके कारण उनके कदम सफलता की ओर सतत बढ़ते ही चले गये। वर्तमान में उनके संपूर्ण सोडानी डाइग्नोस्टिक सेंटर के नाम से पूरे मप्र में 19 ब्रांच चलती हैं। डॉ. वर्षा, संपूर्ण सोडाणी डायग्नोस्टिक्स क्लिनिक, इंदौर में पिछले 3 वर्षो से अपनी सेवाए दे रही है।

वैसे तो हम सब ही दान पुण्य करते रहते है परंतु एक अनोखा दान डॉ वर्षा ने किया है, बालों का दान। कैंसर से पीड़ित मरीजों को कीमोथेरेपी इलाज के दौरान बाल गवाने पड़ते हैंं, जिससे उनका मनोबल और टूट जाता है। इन मरीजों का दर्द कम करने की कोशिश में ये एक अनूठा कदम है।
इसमें वे भेंट करती हैं, असली बालों का विग वह भी बिना किसी शुल्क के। असली बालों का विग बनाने के लिए उन्होंने स्वयं पहले बाल लंबे किये और 30 सेमी लंबे बालों को दान कर दिया।