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प्रत्यक्ष करों में महत्वपूर्ण परिवर्तन करेगा- बजट 2022

पिछले 2 वर्षों से कोरोना महामारी से देश के जूझते रहने के बाद अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए केंद्र सरकार ने बजट 2022 प्रस्तुत किया है। इसमें कर प्रणाली अंतर्गत प्रत्यक्ष करों में महत्वपूर्ण परिवर्तन किया गया है। आईये जानें क्या होंगे ये परिवर्तन?

  • व्यापारिक या साहूकारी लोन के बारे में आयकर की पूछताछ होने पर आपको न सिर्फ़ ये साबित करना होगा कि ये लोन जेनयून है बल्कि यह भी साबित करना होगा कि लोन देने वाले के पास यह पैसा कहाँ से आया है? यदि आप यह नही साबित करवा पाए तो आपके द्वारा ली गई लोन की राशि को अघोषित मान कर उस पर टैक्स देना होगा तथा पेनल्टी भी लग सकती है। इसमें रजिस्टर्ड संस्था जैसे वेंचर कैपिटल फंड इत्यादि से लोन नही शामिल होंगे।
  • इस बजट के तहत करदाताओं को अगर अपने ओरिजनल इनकम टैक्स रिटर्न में कोई भी बदलाव या अपडेट करना है तो उसके पास दो साल का अतिरिक्त समय होगा। यह नियम 01-04-2022 से लागू होगा। इससे पहले के केसों पर इसका असर नहीं होगा। यदि आप प्रथम वर्ष में रिटर्न रिवाइज करते हैं तो आपको 25 पर्सेंट अतिरिक्त टैक्स देना होगा एवं दूसरे वर्ष में करने पर आपको 50 पर्सेंट अतिरिक्त टैक्स देना पड़ेगा।
  • गि़फ्ट सिटी में अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को सीमा पार विवाद के निराकरण के लिए अंतरराष्ट्रीय ट्रिब्यूनल, विदेशी यूनिवर्सिटी, जहाज़ किराये से देने, और वित्तीय मदद में करों में छूट दी गई है। अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र को एवं ऑफशोर फंड मैनेजमेंट तथा ऑफशोर बैंकिंग के लिए भी करों में छूट की घोषणा की गई है।
  • इस बजट ने क्रिप्टो करेंसी और अन्य डिजिटल सम्पत्तियों पर 30 प्रतिशत टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया है। एक सीमा से अधिक के लेन देन पर 1% TDS लगाने का भी प्रस्ताव है। सरकार ने यह भी ख़ुलासा किया है कि क्रिप्टो करेंसी से होने वाली इनकम पर टैक्स देने का मतलब यह नहीं है कि क्रिप्टो करेन्सी लीगल है। अगले साल से इनकम टैक्स रिटर्न फ़ॉर्म में भी क्रिप्टो आमदनी का कॉलम रहेगा। अब जल्दी ही भारत में भी डिजिटल करेंसी की घोषणा रिज़र्व बैंक करेगी। डिजिटल मुद्रा को आप नक़दी में भी तब्दील कर सकेंगे क्योंकि यह डिजिटल रुपया अभी जो हमारी फिजिकल करेंसी (भोतिक मुद्रा) है उसका ही डिजिटल स्वरूप होगा और इसे अब रिज़र्व बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाएगा।
  • बोनस एवं डिविडेंड के नये स्ट्रिपिंग प्रावधानों से परिदृश्य में बड़ा बदलाव आ सकता है, क्योंकि अब भारतीय कंपनियों में मॉरिशस से निवेश करने वाले विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक बोनस अलग करने से नई कर व्यवस्था से प्रभावित होंगे। इस बजट में बोनस और डिविडेंड स्ट्रिपिंग प्रावधान जो कि अभी तक म्युचुअल फंडों के लिए लागू थे अब उन्हें रीट की यूनिट, इन्विट एवं ऐआइएफ के लिए भी लागू कर दिया गया है।
  • बजट में किसी भी तरह के लाँग टर्म फाइनेंसियल ऐसेट के कैपिटल गेन पर सरचार्ज को 15 पर्सेंट पर सीमित कर देने का प्रस्ताव है। आसान शब्दों में कहें तो लंबे समय के बाद किसी फ़ाइनेंशियल ऐसेट को बेचने पर जितनी भी रक़म का फ़ायदा हो अब उस पर 15 पर्सेंट ही सरचार्ज देना होगा जो कि अभी तक केवल लिस्टेड इक्विटी शेयरों, यूनिटों और बिज़नस ट्रस्ट के यूनिट्स पर ही ये फ़ायदा मिलता था। अन्य तरह के अनलिस्टेड लांग टर्म कैपिटल गेन पर सरचार्ज अभी 37 पर्सेंट तक चले जाते थे, अब ये 15 पर्सेंट पर ही सीमित हो जाएंगे। ESOP धारकों के लिए यह बदलाव अच्छा है एवं इससे स्टार्टअप को बढ़ावा मिलेगा और भारत के स्टार्टअप की परिस्थिति सुधरेगी ।
  • इनकम टैक्स की रेड या सर्च की स्थिति में पिछले सालों के बकाया लॉस का अब आप फ़ायदा नहीं उठा सकेंगे।
  • अभी तक अगर आप इग्ज़ेम्प्ट आय कमाते है तो उसके लिए ख़र्चा मंज़ूर नहीं होता था। अब अगर आपके पास इग्ज़ेम्प्ट ऐसेट है एवं आपको इनकम नही भी मिल रही है तो भी वर्ष दौरान किया खर्चे पर आपको डिडक्शन नहीं मिलेगा।
  • ब्याज देय को अगर आप अब डिबेंचर या कोई भी दूसरे इंस्ट्रूमेंट में कन्वर्ट कर देते हैं तो उसका ख़र्चे में मजरा नहीं मिलेगा।
  • अगर आप व्यवसाय के लिए कोई ख़र्चा करते हैं जो कि दूसरे ऐक्ट के तहत अवैधानिक या मना है तो आपको उस ख़र्चे का डिडक्शन नहीं मिलेगा। जैसे कि फ़ार्मा कंपनी के लिए अगर डॉक्टर को कोई सुविधा या कमीशन दिया जाए तो चूंकि यह अवैधानिक है इसलिए इसका डिडक्शन आपको नहीं मिलेगा।
  • अगर आप किसी विदेशी कम्पनी में 26 पर्सेंट से ज़्यादा के भागीदार हैं एवं अभी तक आपके विदेश में किये हुए इन्वेस्टमेंट से अगर कोई डिविडेंड आय होती है तो उस पर सिर्फ़ 15 पर्सेंट टैक्स लगता था अब इसको हटा दिया गया है एवं आपको पूरा टैक्स देना होगा। कई औद्योगिक़ घरानों का विदेश में होल्डिंग कंपनी के ज़रिए व्यवसाय रहता है अतः उन्हें अब पूरा टैक्स देना होगा। आप अपना हेडक्वार्टर विदेश में रखकर टैक्स प्लानिंग कर सकते हैं ।
  • कोविड के दौरान मृत्यु होने पर उनके परिवार को मिलने वाला हर्ज़ाना या कोई सहायता चाहे कंपनी से हो (जहाँ मृत्यु होने वाला आदमी काम करता हो) तो 10 लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं लगेगा बशर्तें मृत्यु के 12 महीने के अंदर आपको ये राशि मिल गयी हो ।
  • आयकर विभाग अब हाईकोर्ट एवं सुप्रीम कोर्ट में किसी LAW पाइंट पर अगर कोई मौजूदा अपील पेंडिंग है तो नया केस नही फ़ाइल करेगा जब तक कि पुराने केस का फ़ैसला नहीं आ जाता। इसमें आयकरदाता की भी स्वीकृति लेनी होगी।
  • मैक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए कुछ वर्ष पूर्व सरकार ने नई कंपनियों के लिये जो मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्लांट लगाती है उनकी आय पर सिर्फ़ 15 पर्सेंट टैक्स देने का प्रावधान किया था बशर्त कि वो प्लांट 31/03/2023 के पहले चालू हो जावे अब इस अवधि को बढ़ाकर 31/03/2024 कर दिया गया है ।
  • फ़ेस लेस असेसमेंट स्कीम में अगर आपका केस जटिल है तो अब वर्चुअल हीयरिंग का प्रावधान दिया गया है इससे करदाताओं की परेशानियां कम होगी ।
  • बजट में अब एक महत्वपूर्ण बदलाव आया है जिसके हिसाब से अगर आप आपकी कंपनी में किसी को केश या काईड रेस्ट के रूप में (शायद वो आपका एम्प्लोयी हों या बाहर वाला व्यक्ति) 20000 रुपये से ज़्यादा पर्क्वज़िट देते हैं तो उस पर 10%से TDS काटना पड़ेगा तथा पाने वाले के हाथ में इसे व्यावसायिक इनकम गिनी जाएगी। इस बदलाव के कारण काफ़ी वाद विवाद खड़े हो सकते है ।

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