सनातन संस्कृति से परिचय कराती – जयश्री पेड़ीवाल, रिंपी कोठारी
वर्तमान दौर में जहाँ अर्थोपार्जन की ओर भागते लोग संस्कार व धार्मिक गतिविधियों से दूर भागने की कोशिश करते हैं। ऐसे भौतिकवादी दौर में भी आने वाली नयी युवा पीढ़ी को अपनी सनातन संस्कृति से जोड़े रखने का कार्य कर रही हैं, लुधियाना की जयश्री पेड़ीवाल अपनी साथी भटिंडा की रिंपी कोठारी के साथ मिलकर। आईये जानें इस धर्म सेवा में वे कर क्या रही हैं?
लगभग 8-9 वीं शताब्दी के दौरान जब वेद शास्त्र अपनी कठिन भाषा के कारण आम व्यक्ति की समझ से दूर हो गये थे और जैन तथा बौद्ध धर्म अपने सिद्धांतों के साथ सनातन धर्म को अपने अंदर आत्मसात करने के लिये उतारू थे। ऐसे समय में पुराण हिन्दु धर्म में अंधकार में प्रकाश की ज्योति बनकर सामने आये।
इसके अंतर्गत वर्तमान में कुल 18 पुराण प्रतिष्ठित हैं, जो सनातन धर्म की पताका को फैला रहे हैं। ये पुराण अपनी सरल भाषा के कारण आम व्यक्ति के लिये वेदों की सरल व्याख्या के साथ धर्म का आधार बने हुए हैं। लेकिन विडंबना है कि आधुनिक दौर में युवा पीढ़ी इनसे भी दूर होती जा रही है।
श्रीमद् भागवत रसिक कुटुंब की स्थापना
भागवत महापुराण हिंदुओं के 18 पुराणों में से एक मुख्य पुराण है। इसके प्रचार-प्रसार एवं भगवद् भक्ति जागृत करने हेतु संस्था श्रीमद्भागवत रसिक कुटुंब को जून 2021 में लुधियाना की जयश्री पेड़ीवाल एवं भटिंडा की रिंपी कोठारी द्वारा स्थापित किया गया।
इसमें भागवत महापुराण के कुछ प्रमुख स्तोत्र जिनमें गजेंद्र मोक्ष, नारायण कवच, गोपी गीत, रुद्र गीत तथा भीष्म स्तुति की नियमित रूप से ऑनलाइन संथा वर्ग ली जाती है। यह सेवा पूर्णत: नि:शुल्क एवं नि:स्वार्थ भाव से की जा रही है।
अब तक लगभग 15000 साधक इन कक्षाओं के माध्यम से स्तोत्रों का सही उच्चारण सीख कर आनंद उठा चुके हैं। लगभग 200 कार्यकर्ता इस कार्य में निरंतर जुटे रहते हैं।
अन्य धर्म शास्त्रों की भी शिक्षा
पांच स्तोत्रों के साथ समय-समय पर अन्य महत्वपूर्ण स्तोत्रों का उच्चारण भी सिखाया गया है। इनमें कार्तिक मास में दामोदर अष्टकम्, गोविंद दामोदर स्तोत्र, तुलसी स्तुति, दीपावली पर कनकधारा स्तोत्र, नव वर्ष के अवसर पर राधा कृपा तथा कृष्ण कृपा कटाक्ष स्तोत्र, मकर संक्रांति पर आदित्य हृदय स्तोत्र, बसंत पंचमी पर सरस्वती सहस्त्रनाम, गणेश चतुर्थी पर अथर्व शीर्ष तथा गणपति सहस्रनामावली एवं अन्य इस प्रकार के कई कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित किए जाते हैं।
गणतंत्र दिवस पर ‘‘मैं भारत हूं फाउंडेशन’’ के साथ बच्चों का बहुत ही सुंदर प्रेरणास्पद कार्य जूम के माध्यम से आयोजित किया गया। हरियाणा पंजाब प्रादेशिक माहेश्वरी महिला संगठन के साथ मिलकर बच्चों के लिए तीन दिवसीय सारंग वात्सल्य शिविर भी आयोजित किया गया।
इस शिविर में वैदिक मैथ्स, बच्चों के लिए उपयोगी योगासन, पेपर क्विलिंग तथा अभिनय कला को उभारने के लिए विशेष सत्रों का आयोजन भी किया गया। विजयी बच्चों को श्रीमद् भगवद् गीता भेंट स्वरूप दी गई।