पूर्वी मध्यप्रदेश महिला संगठन ने कायम की मिसाल
भोपाल। पूर्वी मध्यप्रदेश माहेश्वरी महिला संगठन ने पौधारोपण के क्षेत्र में एक मिसाल कायम की है। अपने “प्रकृति के रूप में ईश्वर का सम्मान” अभियान के अंतर्गत संगठन द्वारा 5 हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया था लेकिन सदस्याओं के उत्साह ने इस लक्ष्य को पीछे छोड़ते हुए 8 हजार पौधों के रोपण का नया कीर्तिमान स्थापित करवा दिया।
पूर्वी मध्यप्रदेश प्रादेशिक महिला संगठन अध्यक्ष अनिता जवांदिया ने बताया कि वृक्षों से औषधि मिलती है, और इससे ही पर्यावरण भी खिलखिला उठता है, जिससे हमारा जीवन भी खुशहाल होता है। अतः पौधारोपण द्वारा “प्रकृति के रूप में ईश्वर का सम्मान” के हमारे लक्ष्य के अन्तर्गत प्रदेश में 5 हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा गया था।
सम्पूर्ण प्रदेश में संगठन की सदस्याओं की संख्या 2443 है। इस अभियान में प्रत्येक घर से दो पौधे लगाने का संकल्प लिया गया था लेकिन सदस्याओं ने वह उत्साह दिखाया कि पौधारोपण की संख्या 8 हजार पौधों को पार कर गई। अब संगठन इनकी बड़े होने तक पूर्ण देखरेख भी करेगा।
पूर्ण उत्साह से सभी ने किया प्रचार-प्रसार:
श्रीमती जावंदिया ने बताया कि जब यह संकल्प लिया गया था, तब कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन का दौर चल रहा था ऐसे में 5000 पौधों के रोपण के लक्ष्य को प्राप्त करना भी अत्यंत कठिन कार्य था। इस स्थिति में संगठन की एकता ने काम किया प्रदेश के साथ ही 4 संभाग, 22 जिला व 78 स्थानीय संगठनों ने मिलजुलकर इस पौधारोपण अभियान का व्यापक प्रचार-प्रसार किया।
इसके लिये लॉकडाउन अवधि में यथासंभव समस्त संचार माध्यमों का उपयोग किया गया। समस्त कार्यकर्ताओं ने भी पूर्ण जिम्मेदारी के साथ न सिर्फ पौधारोपण अपितु इस अभियान के व्यापक प्रचार-प्रसार में भी सहयोग दिया।
इसमें सचिव रंजना बाहेती, कार्य समिति सदस्या प्रतिभा झंवर आदि के साथ ही समस्त संभाग, जिला व स्थानीय संगठन की पदाधिकारी व सदस्याओं ने पूर्ण सहयोग दिया और अभियान को घर-घर तथा गाँव-गाँव तक पहुंचा दिया।
अब लिया गौ संरक्षण का संकल्प:
संगठन ने अब गांवों को संगठन से जोड़ने के साथ ही गो संरक्षण का संकल्प लिया है। इसके लिये गाय के दूध से बने उत्पादों का ही उपयोग किया जाएगा इसमें भविष्य में गाय के दूध से निर्मित उत्पादों को बनाना भी योजना में शामिल है।
इसके साथ ही गाय के गोबर से निर्मित वस्तुओं के उत्पादन तथा उनके उपयोग का संकल्प भी लिया गया। इनके पीछे संगठन का लक्ष्य यही है कि गाय का अधिकाधिक महत्व बड़े जिससे गौ पालन व संरक्षण की वृद्धि हो एवं इसके साथ ही पर्यावरण संरक्षण भी हो सके।