जान है तो जहान है
खम्मा घणी सा हुक्म देश में कोरोना री दूसरी लहर अब बेकाबू हुवती नजर आ रही है, रोजाना कोरोना रा रिकॉर्ड तोड़ मामला सामने आ रिया है। कोरोना वायरस रो यो नयो स्ट्रेन इण वास्ते भी खतरनाक है क्योंकि ओ युवाओं और छोटा बच्चों में तेजी सूं फैल रियो है। हुक्म जान है तो जहान है या बात रखणी ध्यान है।
स्थिति अब बेकाबू होती नजर आ रही है। हर व्यक्ति रे सामने जो परिस्थितियां है वे अपने आपमें भय सूं व्यथित करण वाली है और भय रा अनेक कारणों में एक कारण है सोशल मीडिया…हुक्म प्रकृति रे इण तांडव ने जिण प्रकार मीडिया शस्त्र बणाने भय रो माहौल बणा रयो है, सर्वथा निंदनीय है।
बार-बार केवण सुं कि तूं मर जाई-मर जाई सुनतो आदमी पक ग्यो है। ऊपर सूं धंधा-पाणी सब बंद। मिनख आखिर कई करे। घरे बैठा कई मिनख तो मानसिक रोगी बण गया है। अबे लुगाइयाँ ने समझ आई है कि आदमी दिनभर घर बैठो घणो खराब है।
हुक्म या बात जनता ने समझनी पड़ेला की मीडिया पेली माल बणावे फिर बेचण रो प्रयास करें उन्हें जनता रे सुख- दुख री कोई चिंता नही हैं। वाणों एक ही लक्ष्य है माल बेचनों। देश या विदेश सूं संचालित कई चैनल बिना धरातल समझे एकतरफा समाचार देवे।
सोशल मीडिया जठे व्यक्ति जीवन मरण रे संघर्ष सूं झुंझ रिया है वठे आग में घी डालण रो काम करें जो समाज देश रे वास्ते शुभचिंतक नहीं हैं।
हुक्म आपा जिता मीडिया री भ्रामक सूचनाओं पर आश्रित रेवेला उतो भय बढेला… तस्वीरों ने देख आपाणे मन री सवेंदनाएँ बिलख रही है जो आपाणे मन री इम्युनिटी शक्ति रो ह्यास कर रही है… मन शक्ति कमजोर करण री बजाय या परिस्थिति रो सामनों धैर्य पूर्वक करणो है.. मास्क जरूरी, दो गज री दूरी रो पालन करणो है गाइडलाइन रो पालन रे साथे घर मे ही रेवणो है बहुत ज्यादा जरूरी हुवे तो ही बारें निकलनो है।
ईश्वर उणरी मदद करे जो खुद आपरी करै। ओ टाइम भी नहीं रेवेला। जगत में कोई चीज़ स्थाई कोनी, आज दुःख है, अंधेरों है तो काले उजालों भी आवैला। रात आई है तो दिन भी उगेला। पर जठ तक हालात खराब है ध्यान तो राखणो ही पड़ैला।