Aapni Boli

कोरोना ने हल्के में मत लीजो..

खम्मा घणी सा हुकम आपने नहीं लागे कि कोरोना अब मोगाम्बो री तरह बर्ताव कर रियो है, विनी हंसी में भी वायरस है। कोरोना ने हल्के में मत लीजो। लोग एक मीटर री दूरी बणाने प्रेम कर रिया है। पेली केवता जो हंसा वह फंसा अब केव्हे जो खाँसा वह फंसा हालत या है खांसी री आवाज सुणते ही लोग एक दूजे रा फोन काट देवे। भक्तों ने मूर्तियों पर भी मास्क लगा दीया है।

हर आधे घंटे बाद भगवान रा हाथ धुलाया जा रिया है। भगवान मास्क रे कारण भोग भी नही लगा पा रिया है। पुजारी भी सोचे इत्ता दिन सुं भुगत रियों हूँ भगवान ने भी तो सज़ा मिलणी चईजे। रोज़ भोग लगा ने मुस्कराता रहवे। कुछ दिन भगवान भूखा सोई जरे समझ आई….आज आदमी री कई तकलीफ है। दान पेटियां पूजा स्थल रे बाहर रख दी है। पास में पानी रा ड्रम और साबुन रख दिया है अब लगातार हाथ धोवने रे अलावा कोई काम नहीं है।

बड़ा बुड्ढा ने अगर खांसी हूँ जावे तो घर वाळा मुंह में कपड़ा ठूंसने विवश करे। पूजा स्थलों रे बाहर लाग्योड़ा माइक पर आरती हो रही है भगवान रे कान रे आगे लाउडस्पीकर रख दियो है ताकि वे आरती सुण सके और आश्वस्त रहें। सारा छैला, लैला, मंजनू और लंपट घरों में क़ैद बहुत सारी हरकतें नहीं कर पा रिया है। मनचला बेहद हताश और निराश है। प्रेमी अबै प्रेमिकाओं ने चूमणो तो दूर गले लगावण सुं भी डर रिया है। सच कहूं हुक्म कोरोनो छातिकूटो बण ग्यो है।


कोरोना अब मनुष्यता सुं चिपक ग्यो है। मने एक पुराणी कथा याद आवै हुक्म। बारिश में एक गुरु दरवाजे माथे ऊबो हो, आगे नदी ही, वो नदी में कम्बल बैवतो देखयो। चेलो अंदर हो। गुरु उने केयो जा न कम्बल ले आ। चेलो ग्यो। बहुत देर हुगी। गुरु देखयो वो हाल कम्बल कने उबो है। गुरु चिंता में पड़ ग्यो। इत्ती देर सु कांई कर रयो है।

गुरु चिल्लायो नहीं….प्रेम सूं बोलियों बेटा हाथ आवै तो कम्बल लेने आजा पर वास्तव में वो कम्बल नहीं रीछ हो जो चेले ने पकड़ लियो। चेलो बोल्यो, गुरुजी मैं तो इने लावणी चाऊं पर ओ मनै कोनी छोड़ रियो। आ ईज हालत कोरोनो ने ले ने आदमी री हुगी है। आदमी री हरकतों सु आयो अबे आपाणे छोड़े कोनी। हिरणाकश्यप ज्यों महादेव रे लारे लाग ग्यो है हुकुम।


अमेरिका ओर इटली जेड़ा में हाथ मिलाने री जगह नमस्ते रो प्रयोग हूँ रियो है। कोई कोई देश मे तो हुक्म हाथ री जगह जूता भिड़ा ने एक दूजे रा अभिवादन कर रिया है। ज्यादा पढ़ा लिखा लोग तो कुतों- बिल्लियों ने भी मास्क पहना रिया है। अस्पताल में तो पतो भी नहीं चाल पा रियों है मास्क में… कुण डॉक्टर कुण मरीज है।

पूरे सोशल मीडिया पर कोरोना री लहर ने तबाही मचा राखी है… एक साल पुरो हूँ ग्यों पर ईनो परचम ज्यों रो त्यों है। हालांकि इनी वैक्सीन आयगी है पर तांडव खत्म नहीं हुयो है। वैक्सीन में भी दूजी डोज़ रो टेम एक महीनो सुं दो महीनो हूं ग्यो है।

अब त्योहारों में रौनक भी कम हूं गी है। चीन देश सूं फैली या बीमारी…. न जाणे कद राहत मिळेला…. हुक्म इण वायरस ने हल्के में नहीं ईण पर सावधानी बरतनी जरूरी है…

स्वाति जैसलमेरिया, जोधपुर


Via
Sri Maheshwari Times

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