टर्निंग पॉइंट
जिंदगी की गाड़ी उम्र और अनुभव के साथ कभी तेज तो कभी धीमी रफ्तार से दौड़ती रहती है। इस राह की विशेषता होती है कि ये सीधा सपाठ नहीं होता। इसमें अनेको मोड टर्निंग पाइंट आते हैं, कहीं रास्ता कंकडीला होता है, तो कहीं पथरीला। हम सब जो प्रायः घूमते-फिरते हैं, वे भली-भांति जानते हैं कि सीधे रास्ते पर तो नो सीखिया ड्राइवर भी तेज और आसानी से गाड़ी चला लेता है, किंतु घुमावदार रास्तों पर गाड़ी चलाने के लिये अनुभवी, जानकार समझदार गाड़ी चालक की जरूरत होती है।
जीवन की राह भी सरल सपाट नहीं बहुत ही घुमावदार होती है। इस राह के हर मोड की यदि पहले से जानकारी हो, रास्ता कितना पथरीला है। यह अहसास हो, मोड कब, कहां, कैसा होगा इसका आभास हो। दृष्टि पैनी और दिमाग दुरुस्त हो तो न केवल यात्रा का आनंद ब़ढ़ जाता है, अपितु किसी भी प्रकार की घटना दुर्घटना का भय नहीं होता।
आज के युग में आपके जीवन में पहला बड़ा मोड आता है, तब जब आप उच्च शिक्षा के लिये बाहर जाते हैं। घर परिवार से दूर उस उन्मुक्त वातावरण में आवश्यक है कि आप जवानी के जोश का आनंद तो ले परंतु जोश में होश न खो बैठें।
दूसरा टर्निंग पाइंट आज प्राय: वह है, जब आप पढ़ लिख कर कर्म क्षेत्र में उतरते हैं। बड़ी उम्मीदों के साथ, बड़ी चाहतों के साथ। गाड़ी का स्टेयरिंग आपके हाथ में होता है, परंतु रास्ता नया उबड़-खाबड़ अनजान भी हो सकता है। उम्मीदें टूट सकती हैं, चाहतें बिखर सकती हैं। रास्ता शायद बदलना भी पड़े, तो बदल दीजिये पर आप ना उम्मीद मत होइये, निरंतर कोशिश करते रहिये, कोई ना कोई रास्ता अवश्य मंजिल पर पहुंचायेगा, बस हिम्मत मत हारिये।
जिंदगी का अगला टर्निंग पाइंट बड़ा गंभीर है। यहां रास्ता ही नया नहीं, हमसफर भी नया है, हवा बदली हुई है, राह का कुछ पता नहीं, कदम-कदम पर मोड हैं, संभलते-संभालते रहे तो जोड़ हैं, नहीं तो बस तोड़ हैं। जी हां ये रास्ता ‘विवाह का है, देश से परदेश का है, जानते हुए भी अनजाना है। चालक की जवाबदारी बहुत अधिक बढ़ जाती है, ये सीधी सपाट सड़क नहीं कदम-कदम पर नित नये स्पीड ब्रेकर हैं, बुद्धिमता से उन पर जिंदगी की गाड़ी चलानी होगी, धैर्य के साथ हर सिग्नल पर नजर रखनी होगी।
कब रुकना है, कब आगे बढ़ना है, कोई ओवर टेक गलत तो नहीं हो रहा? गाड़ी की रफ्तार नियम के अनुकूल है या नहीं? इसका सदैव ध्यान रखना होगा, वरना चालान कटने में देर नहीं लगेगी और चालान का भुगतान दिल को बहुत भारी लगता है। इस राह पर चालक की जबाबदारी बहुत ब़ढ़ आती है।
गृहस्थी की गाड़ी को जिस पेट्रोल, हवा, पानी, एयरप्यूरिफिकेशन, चारों पहियों में बराबर हवा, टायरट्यूब की सलामती का ध्यान ड्राइवर को यानि कि आपको रखना ही होगा वर्ना कब टायर पंचर हो जाये, कब ट्यूब फट जाये कोई नहीं जानता। ब्रेक पर पैर रखें और हर आहट को महसूस करें तब ही ये लंबा सफर आसान और मजेदार लगेगा, नहीं तो नजर हटी और दुर्घटना घटी।
अगला टर्निंग पाइंट है, वैवाहिक जीवन में बच्चे का आगमन। खुशियां बहुत सी जबावदारियां लेकर आती हैं। प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। हर रिश्ते की माँग अलग-अलग होती है। राह की थकान उम्र के रूप में दिखाई देती पड़ती है। कभी रफ्तार धीमी करनी पड़ती है, तो कभी राह बदलनी भी पड़ती है। तब हर बदलाव, हर नये रास्ते पर चलने के लिये दिलो दिमाग को तैयार रखिये।