Readers Column

आयकर रिटर्न में हुए बड़े बदलाव- बजट 2023

आयकर रिटर्न के फार्म मे हर वर्ष कुछ न कुछ बदलाव आते हैं तथा सरकार आपसे अधिक जानकारिया लेना चाहती है ताकि सरलीकरण के दौर में फेस लेस फैसले के दौरान करदाताओं को तकलीफ नहीं होवे तथा आपका कर निर्धारण एवं रिफन्ड (अगर बाकी है) जल्दी ही आपको दिया जा सके। इसी को ध्यान में रखकर वर्तमान वर्ष 2023-24 में भी काफी महत्वपूर्ण बदलाव रिटर्न फार्म मे आयकर विभाग द्वारा किये गये है। अतः उन्हे समझना बहुत जरूरी है। आइये समझें क्या परिवर्तन हुए हैं।

दो रिटर्न फार्म की व्यवस्था

वैसे तो छोटे कर दाताओ के लिए फार्म ITR-1 एवं फार्म ITR-4 निर्धारित है तथा अगर आप भारत मे आर्डिनेरी रेजिडेन्ट है तो आपको फार्म 1 भरना होगा एवं अगर आप HUF या विशेष व्यक्ति हैं (जैसे कि आपने 1 करोड़ रुपये से ज्यादा रकम करंट बैंक खाते मे जमा करायी है, आपने 2 लाख रुपये से ज्यादा विदेश यात्रा मे खर्च किया है, आपने 1 लाख रुपये से ज्यादा बिजली के बिल जमा किए है, आपका टर्न ओवर 60 लाख रुपये से ज्यादा है या प्रोफेशनल फीस की आय 10 लाख रुपये से ज्यादा है या आपने सेविंग खाते मे 50 लाख रुपये से ज्यादा जमा किए है) तो आपको फार्म 4 भरना होगा। फार्म 1 एवं 4 कुछ और परिस्थितिओं में भी लागू होते है।

इसी तरह अगर आप Non Resident या Non Ordinary Resident है या किसी कंपनी मे डायरेक्टर है तो आपको फार्म 2 या 3 भरना होगा। भागीदारी फर्म जिसने Presumptive Tax की सुविधा ली है उसे फार्म 4 एवं दूसरी फर्मों, LLP, AOP इत्यादि को फार्म 5 लागू होंगे तथा कम्पनी एवं बिजनेस के लिए फार्म 6 लागू होंगे। विशेष परिस्थितियों मे तथा ट्रस्टो मे सभी को फार्म 7 लागू हैं।


इनको भी रिटर्न भरना जरूरी

किसी व्यक्ति कि आय टेक्सेबल स्लेब से कम है तो अब तक उसे रिटर्न नहीं भरना पड़ता था किन्तु इस वर्ष (ASSYR23-24) से यदि उसने अपने खाते में 1 करोड़ रुपये से ज्यादा जमा कराये हैं या विदेश यात्रा में 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किया है या बिजली का खर्चा 1 लाख रुपये से ज्यादा है तो उसे आयकर रिटर्न भरना अब जरूरी होगा। अगर आप शेयर बजार में Intraday ट्रैडिंग करते है तो आयकर रिटर्न में आपके Intraday का टर्न ओवर ITR फार्म के Part-A (ट्रैडिंग अकाउंट) में बताना पड़ेगा।


चेरिटी ट्रस्टो के रिटर्न में बदलाव

अगर आप किसी ट्रस्ट को डोनेशन देते हैं और 80C की छूट लेना चाहते हैं तो आपको इस वर्ष रिटर्न फार्म में ARN (डोनेशन का reference) नंबर भरना अनिवार्य होगा। नये नियम के अनुसार अगर आपने ट्रस्ट की ऑडिट रिपोर्ट नहीं ली है या टैक्स के हिसाब-किताब नियमानुसार नहीं रखे हैं या आपने ट्रस्ट का रिटर्न एवं आडिट रिपोर्ट समय पर नहीं भरा है तो आपको दिया गया Exemption Withdraw हो जाएगा, टैक्स रिटर्न आप जब भी भरेंगे आपको यह सब बताना होगा। छूट Withdraw होने पर सिर्फ खर्चे (कॉर्पस अथवा लोन से नहीं) ही मिलेंगे और कैपिटल खर्चा नहीं मिलेगा।

खर्चे के बाद शेष आय पर टैक्स लगेगा। अब रिटर्न फार्म में (ITR-7) आपको ट्रस्ट के Author/Founder/Trustee/Manager सभी की जानकारी हर वर्ष देनी होगी। पहले यह सिर्फ एप्लीकेशन के समय ही विवरण जाता था। अब रिटर्न फार्म में Schedule IA/DA जोड़ दी गयी है जिसमें ट्रस्ट को ScheduleIA cess Accumulation वर्ष एवं अगर किसी वर्ष में उस पर नियम नहीं पालने पर टैक्स लगा है तो बताना होगा।

इसी तरह ScheduleDA में अगर आपने इनकम पाँच वर्ष के लिए Accumulate की है और उसे नहीं खर्च कर सके हैं तो आपको सारी जानकारी देनी होगी। अब रिटर्न फार्म के एम्प्ल्तव् में आपको फंड का कॉर्पस Investment या deposits की जानकारी अलग देनी होगी पहले यह Sec 11(5) में किए गए सभी एक साथ Investments पर देनी होती थी।


यहाँ भी हुआ परिवर्तन

अगर आपका ट्रस्ट Sec 10(23C) में रजिस्टर्ड है और आपने अपने Investment या ट्रस्ट के Assets में से कोई Benefit Directly या Indirectly किसी ट्रस्टी /Author Sec 13(3) के दायरे मे आने वाले व्यक्ति के लिए किया है तो उसका खुलासा करना होगा। अब अगर आपने ट्रस्ट का Investment Sec 11(5) के तहत भी या अन्यथा किया है तो उसका विवरण भी आपको रिटर्न फार्म मे ITR-7 में इस वर्ष से देना होगा। रिटर्न फार्म में अब इस वर्ष से एक नई Schedule R के तहत अब आपको कॉर्पस फंड एम्प्ल्तव् के हिसाब से एवं बैलन्स शीट के हिसाब से अगर कोई अन्तर है तो उसका Reconciliation देना होगा।

यह अंतर कैपिटल खर्चे के कारण, Depriciation के कारण या और कोई वजह से हो सकता है। अब डोनेसन जो बिना नाम या बिना विवरण के आपके ट्रस्ट मे जमा हुए है उनको अलग से Schedule VC मे बताना होगा तथा उस पर आपको Sec 115 BBC (IT Act) के तहत टैक्स देना होगा।

अब रिटर्न फार्म में ScheduleA एक नई जोड़ी गई है जिसमें आपको ट्रस्ट के Object पर किये गये Revenue एवं Capital खर्चों की डीटेल देनी होगी। पहले ये डीटेल ScheduleEC एवं ER अलग अलग देनी होती थी लेकिन अब इसे रद्द करके एक ही नई ScheduleA डाली गयी है। जो ट्रस्ट Sec 10(23C)/12AA/12AB में रजिस्टर्ड है एवं किसी कारणवश अमान्य हो गये है उन्हें तो Accreted Tax लगेगा और इसकी जानकारी Schedule 115TD के तहत भी देनी होगी।

अब रिटर्न फार्म में Schedule 115 BBI के तहत Specified Income (जो ट्रस्ट Sec 10 (23C)/12AA/12AB मे अमान्य हुये, पर 30% टैक्स एवं सरचार्ज / सेस रिपोर्ट करना पड़ेगा।


यह भी हुए परिवर्तन

अब रिटर्न के Schedule LA में पॉलिटिेकल पार्टी को यह बताना होगा कि वह Election Commission of India में रजिस्टर्ड है या नहीं एवं है तो कब से? अब रिटर्न फॉर्म के ITR-3 के Balance Sheet Schedule W की पूरी जानकारी देनी होगी जैसे की Advance to persons u/s 40A(2)(b) of IT Act यानि की रिलेटेड पार्टीज एवं अन्य Advance fees आपने दिये है।

अब रिटर्न फॉर्म ITR-5 तहत अगर कोई फर्म / AOP /BOI के पार्टनर या सदस्यों में वर्ष के दौरान बदल है तो उनकी जानकारी के साथ अब उनका PAN नंबर एवं उन्हे कितना Remuneration दिया है उसे भी बताना होगा। कोई भी Individual या HUF करदाता को नए टैक्स Regime से बाहर होने पर एक फॉर्म 10-IE भरना होता है और अगर आपकी इनकम बिज़नेस या प्रोफेशन से है तो सिर्फ एक बार ही आप बाहर होने का मौका ले सकते है। अब रिटर्न फॉर्म में इस फॉर्म 10-IE की जानकारी देनी होगी।


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