जानलेवा न बन जाए एनीमिया
एनीमिया का अर्थ है, खून की कमी। आमतौर पर यह शारीरिक कमज़ोरी के रूप में हमारे सामने आती हैं, लेकिन हम इसे सामान्यतः नज़रअंदाज़ कर देते हैं। हमारी यह लापरवाही जानलेवा भी हो सकती है।
एनीमिया का मतलब है शरीर में हीमोग्लोबिन की कमी होना। हीमोग्लोबिन एक आयरन युक्त प्रोटीन है। बिना आयरन के शरीर में हीमोग्लोबिन नहीं बन सकता। हीमोग्लोबिन फेफड़ों से ऑक्सीजन लेकर शरीर के दुसरे हिस्सों में पहुंचाता है। हीमोग्लोबिन की कमी होने की वजह से सीजन की शरीर में कमी होती है और उसकी वजह से शरीर में थकावट महसूस होती है। नार्मल हीमोग्लोबिन का प्रमाण 11 से 15 ग्राम/लीटर है। जब हीमोग्लोबिन इस स्तर से कम होता है, तो एनीमिया कहा जा सकता है। इस समस्या के कई कारण हो सकते हैं।
ये है एनीमिया के लक्षण
हीमोग्लोबिन कम होने के लक्षण में त्वचा का फीका या पीला दिखना, आँखों के नीचे काले घेरे होना, तलवे और हथेलियों का ठंडा पड़ना, शरीर में तापमान की कमी होना, चक्कर आना, घबराहट होना, सांस फूलना, धड़कन तेज़ होना, हाथ पैरों में कमज़ोरी होना, बालों का झड़ना, जल्दी थकान होना, कोई भी चीज़ पर ध्यान न लग पाना, इसके साथ ही सिर दर्द होना, सीने में दर्द होना आदि प्रमुख हैं। महावारी में खून ज़्यादा जाना तथा शरीर पर सूजन आना भी इसके लक्षण में शामिल हैं।
क्यों होती है हीमोग्लोबिन की कमी
कैंसर, एचआईवी एड्स की दवाइयां, कैंसर की कीमोथेरेपी दवाइयाँ, दीर्घकालीन किडनी रोग, लेड पॉइजनिंग, मल्टीपल मायलोमा, हाइपोथाईरॉएडिज्म, विटामिन की कमी, आयरन की कमी व फोलिक एसिड की कमी आदि हीमोग्लोबिन की कमी का कारण बनते हैं।
कुछ रोग शरीर में लाल रक्त पेशी बनाने की गति को तेजी से कम करते हैं जैसे स्पलेनोमेगाली (तिल्ली का बढ़ना), हिमोलाइसिस (लाल रक्त पेशी का टूटना), सिकल सेल एनीमिया, थेलासीमिया आदि। कुछ स्थिति में शरीर में खून की कमी होने की वजह से भी हीमोग्लोबिन कम होता है जैसे किसी घाव से खून बहना, पेट में अल्सर, पेट का कैंसर, बवासीर, मूत्राशय में खून बहना, महावारी में ज़्यादा खून बहना, गर्भाशय में फाइब्रॉइड का होना, बार-बार रक्तदान करना, स्मोकिंग करना, शराब पीना आदि।
उम्र के बढ़ते समय पर खासकर 65 के ऊपर, गर्भावस्था के दौरान, प्रसूति के बाद तथा स्तनपान के दौरान भी शरीर में खून की कमी की वजह से हीमोग्लोबिन की कमी आ सकती है। वजन कम करने के लिए डाइटिंग करने वाली लड़कियों में भी हीमोग्लोबिन की कमी आती है।
ऐसे बढ़ाएं हीमोग्लोबिन
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के लिये हरी सब्ज़ियां जैसे पालक, सरसों, मेथी, धनिया, पुदीना, बथुआ, ब्रोकली, गोभी, बीन्स, खीरा, टमाटर, गाजर, शकरकंद, शलजम, चुकंदर आदि तथा फलों में संतरा, अंगूर, सेब, अनार, तरबूज, केला आदि का सेवन ज़्यादा से ज़्यादा करना चाहिए। सूखे मेवे जैसे खजूर, बादाम, किशमिश, मुन्नका, अखरोट खाएं। इनमे आयरन की मात्रा पर्याप्त होती है।
गुड़ और सींगदाने का सेवन करें। गुड़ आयरन का प्रमुख स्त्रोत है। यह विटामिन से भी भरपूर होता है। इससे हीमोग्लोबिन बढ़ने में भी काफी मदद होती है। आयरन युक्त डाइट का शरीर को पूरा-पूरा फ़ायदा होने के लिए विटामिन सी का सेवन करना ज़रूरी है। विटामिन सी के लिए निम्बू, अमरुद, आंवला, संतरे का जूस लेना ज़रूरी है।
एनीमिया से बचने के लिए संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर डाइट लेना ज़रूरी है। एनीमिया की कम्पलीट क्योर के लिए अच्छा खाने के साथ-साथ कम से कम 6 महीने आयरन की गोलियां लेना ज़रूरी है। अगर हीमोग्लोबिन की मात्रा काफी कम हुई तो आयरन के इंजेक्शन या खून की बोतल चढ़वाना ज़रूरी है।
अगर बार-बार हीमोग्लोबिन का प्रमाण कम हो रहा होगा तो डॉक्टर से ब्लड टेस्ट और प्रॉपर ट्रीटमेंट करवाना ज़रूरी है। यह किसी बड़ी बीमारी का भी सिग्नल हो सकता है।