Health

कड़वा करेला- स्वास्थ्य का मित्र

कहते हैं कि जो कड़वा बोलता है वही सच्चा मित्र है। ठीक यही स्थिति भोजन में भी है। स्वाद में कड़वा करेला भी स्वास्थ्य का सबसे बड़ा मित्र है। आइये देखें, क्या है आपके इस मित्र में..

करेला भारत में हर जगह पाया जाता है। इसके कड़वेपन के कारण ज्यादातर लोग इसकी सब्जी बनाने से पहले इसे छीलते हैं और कुछ देर तक गर्म पानी में रखकर उस पानी को फेंक देते हैं, जबकि ऐसा नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से करेले की कड़वाहट तो कुछ हद तक जरूर कम हो जाती है, लेकिन वह बहुत हद तक गुणहीन हो जाता है।

संतुलित आहार में जिस प्रकार खट्टे, मीठे, तीखे, खारे और कसैले रस की आवश्यकता होती है उसी प्रकार कड़वे रस की भी आवश्यकता होती है लेकिन हमारे आहार-योग्य पदार्थों में कड़वे रस वाले पदार्थ बहुत ही कम है। संयोग से करेला कड़वे रस वाला आहार है, यही इसकी विशेषता है।

करेले का किसी भी तरह से उपयोग किया जाए, यह एलर्जी उत्पन्न नहीं करता है। इसलिए स्वस्थ और बीमार हर कोई इसका उपयोग कर सकता है। करेले के सेवन से आँतों में स्थित नुकसान पहुंचाने वाले बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं।


एक औषधि भी है करेला

आयुर्वेद के अनुसार करेला कफनाशक और पित्तनाशक है तथा वात को नहीं बढ़ाता है। यह खून को साफ़ करने वाला, बुखार और कोढ़रोगनाशक, पेट के कीड़े मारने वाला, शूलनाशक, पाचन-प्रणाली दुरुस्त करने वाला, अरुचि दूर कर भूख बढ़ाने वाला और सूजन दूर करने वाला है।

यह जिगर यानी यकृत और तिल्ली तथा छोटे-बड़े जोड़ों के दर्द में फायदेमंद है। यह महिलाओं के मासिक स्त्राव को नियमित रखता है। महिलाओं में बांझपन की समस्या को दूर करने में भी करेले का सेवन गुणकारी है। इसका सेवन चर्मरोग, पांडुरोग और डायबिटीज में अमृत समान असर करता है।

करेला

इसके सेवन से कब्जियत, बवासीर और प्रमेह में लाभ होता है। फॉस्फोरस की अधिकता के चलते इसकी सब्जी रोज खाने से शरीर में स्फूर्ति बनी रहती है।

करेली डायबिटीज रोगी के लिए रामबाण औषधि है क्योंकि यह अग्नाशय को उत्तेजित कर इन्सुलिन के स्त्राव को बढ़ाता है। रोज़ाना सुबह नियमित रूप से चार से छह माह तक 10 मिली से 20 मिली तक ताजे करेले का रस पीने से पेशाब में शर्करा का आना धीरे-धीरे एकदम बंद हो जाता है।

दूध पिलाने वाली माँ के दूध के दूषित हो जाने के कारण उस दूध को पीने से यदि बच्चे की तबीयत बिगड़ने लगे, तो माँ को कुछ दिनों तक रोज़ करेले की सब्जी का सेवन करना चाहिए। इससे माँ का दूध शुद्ध हो जाता है।


Via
Sri Maheshwari Times

Related Articles

Back to top button