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हेल्दी ड्रिंक- छाछ

पाश्चात्यकरण के प्रभाव में वर्तमान में कोल्ड ड्रिंक्स द्वारा मेहमानों का स्वागत करना एक आम बात हो गई है। जबकि एक समय था जब छाछ मेहमानों के स्वागत का प्रमुख पेय था। हमारी संस्कृति में छाछ को इतना अधिक महत्त्व दिए जाने का कारण है, इसके स्वास्थ्य के लिए वे गुणकारी प्रभाव जो बनाते हैं, इसे हेल्दी ड्रिंक। आइये जाने क्या क्या छुपा है, इस हेल्दी ड्रिंक में?

आयुर्वेद शास्त्र में छाछ की तुलना अमृत के साथ की गई है। शरीर के भीतर के घातक पदार्थ मूत्र द्वारा बाहर निकालकर फेंकने की ताकत छाछ (तक्र) में है। शरीर की रोग प्रतिकारक क्षमताओं को बढ़ाने की ताकत इसमें है। छाछ का नियमित सेवन करने से शरीर बलवान होता है।

छाछ में विटामिन B-12, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस जैसे ऐसे अनेक तत्व रहते हैं, जो शरीर के लिए लाभदायक रहते हैं जिसका पेट साफ नहीं होता, पेट से आवाज निकलती है, इसे पीने से वह बीमारियां समाप्त होने लगती है।

इसे पीने से शरीर की 90% कमियां बाहर निकल जाती है। उष्णता तुरंत कम होकर अच्छी शांत नींद लगने लगती है। साधारण व्यक्ति भी अगर हर रोज इसे पीए तो उसके शरीर की उष्णता कम होती है और ताकत बढ़ती है।


पंचकर्म का प्रमुख माध्यम

इसमें एक अति महत्व की बात यह है कि 3 दिन पूर्ण रूप से दूसरा कुछ भी बिना खाए केवल छाछ पर रहने से बहुत ज्यादा लाभ मिलता है। इससे अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप हो जाता है। शरीर से अनावश्यक चर्बी झड़ जाती है। इतना ही नहीं चेहरे के ऊपर अच्छा तेज आ जाता है और काले दाग निकल जाते हैं।

चेहरा तेजपुंज, फुर्तीला और तेजस्वी दिखाई देने लगता है। जिन्होंने पहले पैसे खर्च करके पंचकर्म किया है, उन्हें यह 3 दिन का प्रयोग करके देख लेना चाहिये। इससे तबीयत तो ठीक होगी ही और पैसा भी बचेगा। ऐसे 3 दिन इसका प्रयोग ६ महीने में एक बार अवश्य करना चाहिए।

भविष्य में होने वाली बड़ी बीमारियों को भी टाला जा सकता है। इनसे होने वाली तकलीफ और औषधियों का खर्च भी बचेगा तो फिर इसे पीना शुरू करेंगे, आज से ही कोल्ड ड्रिंक को बंद कर देंगे।


इनमें भी है चमत्कारी

इसे पीने से मोटापा कम होता है। बार-बार पेशाब की तकलीफ है तो छाछ में नमक डालकर पीने से तकलीफ कम होती है। दही का पानी या छाछ पीने से मुंह के छाले कम हो जाते हैं। छाछ में अजवाइन डालकर पीने से पेट के अंदर के जंतु समाप्त हो जाते हैं।

छाछ

छाछ में गुड़ डालकर पीने से पेशाब में होने वाली जलन की तकलीफ कम होती है। छाछ में जायफल का पाउडर डालकर पीने से सर दर्द कम होता है। खाली पेट छाछ पीने से पेट दर्द की तकलीफ कम होती है। छाछ में शक्कर और काली मिर्च का पाउडर डालकर पीने से पित्त व एसिडिटी की तकलीफ कम होती है।

छोटे बच्चों के जब दांत निकलते हैं तो उनको चार-चार चम्मच छाछ दिन में तीन चार बार पिलाने से दांत में होने वाली तकलीफ कम होती है। सबसे महत्व की बात यह है कि 3 दिन बिना कुछ खाए पिए इसे पीने से अपने शरीर का पंचकर्म अपने आप हो जाता है।

डॉ विजयशंकर मिश्र


Via
Sri Maheshwari Times

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