कैसे करें दांतों की देखभाल
दांत मानव देह का सबसे महत्वपूर्ण अंग है। कारण यह है कि यह हमारी देह के प्रवेश द्वार मुख में 3 स्थित होकर स्वास्थ्य के रक्षक की भूमिका निभाते हैं। हमारा संपूर्ण स्वास्थ्य इन्हीं पर निर्भर करता है। तो आइये जाने कैसे करें दांतों की देखभाल?
कहते है पहला सुख निरोगी काया। काया तभी निरोगी रहेगी जब हम अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देंगे। स्वस्थ शरीर हेतु आवश्यक है मजबूत और स्वस्थ दांत। दांत हमारे शरीर का महत्वपूर्ण अंग हैं। मुख हमारे शरीर का मुख्य द्वार है इसे हम प्रवेश द्वार भी कह सकते है। इसलिए इसकी मजबूती और स्वच्छता का ध्यान रखना जरूरी है।
दांतों की मजबूती पर रखे ध्यान, अच्छी सेहत की यही पहचान
यदि हमारे दांत स्वस्थ, मजबूत रहेंगे तो हम भोजन अच्छी तरह से चबा सकेंगे और भोजन अच्छी तरह से पचेगा। आजकल दांतों की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रही है। आज के युग में हमारा आहार, खाने पीने का समय, मीठा खाने की प्रवृत्ति निश्चित नहीं है।
मीठा स्टिकी फूड जैसे चॉकलेट, केक, पेस्ट्रीज, आइसक्रीम खाने से दांतों की समस्याएं बढ़ रही है। हमें यह सब चीजें खाने के बाद कुल्ले करना चाहिए। हो सके तो यह सब ना खाते हुए रेशेदार पदार्थ लेना चाहिए जैसे दूध, फल, हरी सब्जियां, केला, पपई, अनार, गाजर, संतरा, मूली इत्यादि जिसमें विटामिन ए, बी, सी, डी, कैल्शियम, प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो।
कब और कैसे करें ब्रश
सभी लोगों को सुबह और रात में सोने के पूर्व दिन में दो बार ब्रश करना चाहिए। रात में सोते समय ब्रश करना आवश्यक है ताकि दातों में फंसे अन्नकण साफ हो सकें। ब्रश करने का सही तरीका जानने के लिए अपने दंत चिकित्सक का परामर्श लेवे। आड़े टेढ़े तरीके से दांत घिसने से भी मरीजों को दांतों में झनझनाहट होने लगती है और ठंडा या गर्म लगना शुरू हो जाता है।
हमेशा ब्रश सामने के दातों में ऊपर नीचे यानी up and down motion और पीछे के दांतों में circular motion मे करना चाहिए। दांतों के बीच फंसे अन्नकण को निकालने के लिए पिन या toothpick आदि का उपयोग ना करें। इससे दातों में अंतर (gap) बढ़ने लगता है। Interdental brushes या dental floss का उपयोग किया जाना चाहिए।
दांतों में सड़न या cavity होने पर दर्द ना होते हुए भी तुरंत अपने दंत चिकित्सक को दिखा कर उसमें filling करवाना चाहिए। दर्द होने का इंतजार करने पर cavity गहरी (deep) हो जाती है। फिर उसमें रूट कैनल ट्रीटमेंट या दांत निकालना पड़ता है। याद रखें चिकित्सा से अधिक महत्वपूर्ण उनकी देखभाल है।
इन्हें न करें नजर अंदाज
मुँह में दुर्गंध आना तथा मसूड़ों से खून आने पर हमें दांतो की सफाई करवाना चाहिए। दांतों में गंदगी (deposits) जमा होने पर यह समस्या आती है। आगे बढ़कर दांतों में पायोरिया (pyorrhea) भी हो सकता है और दांत हिलने लगते हैं। काफी लोगों में यह भ्रांतियां देखी जाती है कि दांतों की सफाई करने से दांत ढीले हो जाते हैं, पर ऐसा नहीं है।
दांतों में जमे गंदगी के कारण जीवाणु दांतों की हड्डी को गलाना शुरू करते हैं इससे मसूड़ों से खून निकलना शुरू हो जाता है। दातों में हड्डी गलने से (gap) बन जाती है और दांत हिलना शुरू हो जाते है। इसलिए दांतों की सफाई करवाना जरूरी होता है। कुछ लोग कहते हैं कि दांत निकालने पर आंखों पर असर आता है पर यह भी सच नहीं है, यह भी एक भ्रांति है।
धूम्रपान करना, गुटखा, तंबाखू, मीठी सुपारी खाना यह सब आजकल फैशन हो गया है। यह चीजें ज्यादा मात्रा में लेने से मुँह खुलना कम हो जाता है और आगे चलकर मुँह का कैंसर होने की संभावना बन जाती है, जो कि हमारी सेहत के लिए हानिकारक है। इससे हमें बचना चाहिए।
पुराने जमाने में सारे दांतों को उखाड़ कर बत्तीसी बैठानी पढ़ती थी, किंतु अब नयी चिकित्सा प्रणाली से दांतों को बचाया जाता है तथा जितने दांत गिर गए हैं उतने ही नकली दांत fix तथा निकालने वाले बनाए जा सकते है।