उचित आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है।
उचित आहार ही स्वस्थ जीवन का आधार है और आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में ये और भी अधिक जरुरी हो जाता है, क्योंकि अनुचित आहार हमारे शरीर की इम्युनिटी को कमजोर तो करता ही है, वही बहुत से रोगों का हमारे शरीर में अपना स्थायी घर भी बना देता है, कमजोर इम्युनिटी के खतरे का सबसे अच्छा उदाहरण कोरोना वायरस (COVID-19) के रूप में आज हमारे सामने है। यदि हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाये, तो विभिन्न प्रकार के रोग हमें घेर लेते है।
इसलिए निरोगी जीवन जीने के लिए शरीर की इम्युनिटी का मजबूत होना बहुत जरुरी है, जिस तरह योगाभ्यास और प्राणायाम जहाँ शरीर की रोगप्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते है उसी प्रकार उचित और संतुलित आहार भी शरीर की इम्युनिटी को बढ़ने में सहायक है।
चलिए तो जानते है एक स्वस्थ जीवन जीने के वह 10 नियम कौन-कौन से है, जिससे हम अपनी इम्युनिटी को बढ़ा सकते है।
शुद्ध शाकाहार भोजन का सेवन करे
हमारे बड़े-बुजुर्ग कहते है – “जैसा अन्न वैसा मन” इसलिए शाकाहारी भोजन को अधिक प्राथमिकता दे क्यूँकि शाकाहारी भोजन मांसाहार की तुलना में अधिक जल्दी पचता है और पेट से सम्बंधित रोग कम होते है।
उच्च मात्रा में पानी पिए
हमारे शरीर में 70% मात्रा पानी की है इसलिए कम से कम 4-5 लीटर पानी प्रतिदिन पीना चाहिए। उपयुक्त मात्रा में पानी पीने से कब्ज नहीं होता है। पानी कभी भी RO का नहीं पीना चाहिए क्यूंकि पानी को रिवर्स ऑस्मोसिस द्वारा फ़िल्टर करने से पानी के सरे खनिज निकल जाते है और पानी मृत हो जाता है, इसलिए उपचारित पानी पीना चाहिए।
प्रातः काल योग-व्यायाम या सैर करे
सुबह-सुबह की हवा में प्रदुषण न्युनतम होता है इसलिए प्रतिदिन सुबह प्राणायाम, व्यायाम, सूर्य नमस्कार या फिर टहलने की आदत डाले। आपको तीनो में से जो भी उचित लगे उसे अपने जीवन का अभिन्न अंग बना ले, क्योंकि यह आदत आपकी सेहत के लिए बहुत जरुरी है।
खाना खाते समय पानी ना पिए
हम इस बात को बहुत अच्छे से जानते हैं की खाना खाते समय पानी नहीं पीना चाहिए। क्यूंकि जब भोजन हमारे मुह में होता है तो हमारी जबान खाने की गुणवत्ता को पहचान लेता है और उपयुक्त पाचक अम्ल हमारे पेट में रिसने लगते है ऐसे में हम भोजन के साथ पानी पीते है तो इन पाचक अम्लों की क्षमता हलकी हो जाती है और भोजन के पाचन में बाधा आती है। इसलिए हमें कभी भी भोजन करते समय पानी नहीं पीना चाहिए।
भोजन करने के बाद फल ना खाए
आम तौर पर लोग भोजन करने के बाद फल खाते है जो एक गलत आदत है क्योंकि फल प्रकृति द्वारा पहले से ही पचे होते है और फलों को पचाने के लिए ज्यादा उर्जा की जरुरत नहीं होती। जबकि भोजन को पचाने में 3-4 घंटे लगते है। यदि हम भोजन करने के बाद फल खाते है तो फल जल्दी हजम हो जाता है और देर में पचने वाला भोजन प्रभावित होने लगता है। जो पहले खाया है उसे पहले पचना चाहिए। इसलिए फलो का सेवन भोजन करने से पहले करना चाहिए।
दिन में कम से कम दो बार पेट साफ़ करना चाहिए
हमें अपना पेट कम से कम 2 बार साफ़ करना चाहिए। हम यह नवजात शिशुओं से सीख सकते हैं कि पेट साफ़ करने के प्राकृतिक तरीके का पालन किस प्रकार किया जाता है। वे जिंतनी बार अपनी माँ का दूध पीते हैं उतनी बार पेट साफ़ करते है। इसलिए आप भी प्राकृतिक तरीका अपनाये और विषैले तत्वों और अम्लीय अवशेषों को शरीर में 24 घंटे रुकने से रोकें।
कच्चे भोजन की मात्रा को बढ़ाएं
यहाँ कच्चे भोजन से तात्पर्य है अंकुरित अनाज, कच्ची सब्जियां जैसे गाजर मुली, खीरा, शकरकंद या और भी सब्जियां जो आपको स्वादिष्ट लगे उनसे है। भोजन को पकाने से भोजन का पोषण चला जाता है और फाइटो केमिकल्स विषैले केमेकल्स में बदल जाते है। इसलिए अधिक से अधिक कच्चा भोजन करने की आदत डाले।
गहरी सांस लेने की आदत डाले
हम अपने फेफड़े की मात्र 25% क्षमता का प्रयोग करते है और ज्यादातर हलकी सांस लेते है जो की एक गलत आदत है। स्वस्थ सांस लेने के गहरी सांस लेने का अभ्यास करे जिससे फेफड़ो को फैलने की अधिक जगह मिल सके. इससे हमें कई फायदे मिलते है जैसे की दिमाग एकाग्र होता है, तनाव कम होता है, अधिक मात्र में ऑक्सीजन मिलने से फेफड़े के रोग भी कम होते है। इस का अनुसरण करने से आपके दिल को भी ऑक्सीजन अधिक मात्रा में मिलती है। जिससे ह्रदय रोग की सम्भावना कम हो जाती।
शौच जाने से पूर्व गुनगुना पानी पिए
सुबह शौच जाने से 1 घंटे पूर्व 1 गिलास गुनगुना पानी प्रतिदिन ले। ऐसा करने से मल भी ढीला हो जाता जिससे कि कब्ज, गैस इत्यादि रोग भी दूर होते है और पेट की जठराग्नि भी बढती है।
रात्रि का भोजन सोने से 3 घंटे पूर्व करे
रात का भोजन हमेशा सोने से 3 घंटे के पूर्व करना चाहिए क्योंकि हमारा शरीर रात में सोते समय लाखों कोशिकाओं के पुनः निर्माण और पुनर्जीवन में लगा रहता है ऐसे में यदि हम खाना खा के तुरंत सोने के लिए चले जायेंगे तो हमारा शरीर कोशिकाओं के निर्माण के जगह भोजन को पचाने में ही अपनी उर्जा को खर्च कर देगा जिससे हमारी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। यदि संभव हो तो रात को सोने से पूर्व 1 गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए इससे भोजन और भी जल्दी पचता है।