कैसे रखें अपने ह्रदय का ख्याल
वर्तमान दौर में ह्रदय रोग एक गंभीर समस्या बनकर सामने आ रहा है। चिंता का विषय यह है कि हर 20 में से एक व्यक्ति किसी न किसी प्रकार से ह्रदय की समस्या से ग्रस्त है। यह चिंता का विषय न किसी प्रकार से ह्रदय की समस्या से ग्रस्त है। यह चिंता का विषय जितना है, उससे अधिक जागरूक होने का। यदि हम जागरूक हो जाए तो अपनी इस “दिल की दुश्मन” को हावी होने से रोक सकते हैं।
ह्रदय रोग भी वर्त्तमान दौर के स्वास्थ्य के खतरों में से एक सबसे गंभीर समस्या है। वैसे तो इससे प्रभावित होने वालों में 40 वर्ष से अधिक आयु वालों की ही संख्या अधिक है लेकिन गत कुछ वर्षों का आंकड़ा देखा जाए तो यह बीमारी कम उम्र लोगों को ही नहीं बल्कि बच्चों को भी अपनी गिरफ्त में लेने लगी है।
यदि इसके कारणों को मूल में लाया जाया जाऐ तो इसके बढ़ने का प्रमुख कारण प्रदूषित वातावरण तथा प्रदूषित खानपान एवं अनियमित दिनचर्या ही है, जिसने स्वास्थ्य का ढर्रा ही बिगाड़कर रख दिया है।
फिर भी यदि अपनी जीवन शैली को योजनाबद्ध किया जाऐ तो न सिर्फ इस बीमारी से बचा जा सकता है बल्कि यदि इस समस्या से यदि ग्रस्त हैं तो भी इससे जल्दी मुक्ति पाई जा सकती है। इससे बचने के लिये हमें तय करना पड़ेगा, कि हम क्या करें और क्या न करें। याद रखें
ह्रदय की धमनियों में चर्बी जमा होना बाल्यावस्था से ही प्रारम्भ हो जाती है। अतः जरुरी है कि हम बच्चों को 10 वर्ष की उम्र से ही इस बीमारी से बचाव के उपाय प्रारम्भ करवा दें।
क्या करें?
- सदैव प्रसन्न रहें, जो है उसको शांत, शान एवं मन से भोगें।
- हरी सब्जी व फल प्रतिदिन खाएं।
- प्रतिदिन व्यायाम आधा घंटा ज़रूर करें चाहे वह पैदल चलना, साइकिल चलाना, तैरना, दौड़ना इत्यादि हो।
- सही मात्रा में वसा एवं शक्कर तथा सही रक्त चाप एवं सही वजन हो।
- हर तीन माह में 3-7 दिनों की छुट्टी लेकर परिवार के साथ पूरा समय बिताएं।
- प्रत्येक परिवार प्रतिमाह 1 किलो तेल एवं 250 ग्राम घी के सेवन में कमाई लाए यह ठान ले।
- यह विचार त्यागे कि मुझे अगर दिल की बीमारी है तो ये हमेशा के लिए है। दिनचर्या में परिवर्तन, प्रतिदिन दवा या जरुरत पड़ने पर ऑपरेशन के द्वारा ईलाज से उस बीमारी का किसी हद तक निदान संभव है।
क्या न करें?
- तम्बाकू एवं सिगरेट का न सेवन करें।
- काम में किसी प्रकार की जल्दी एवं गुस्सा नहीं करें एवं घड़ी जैसी समय की पाबंदी नहीं रखें।
- शराब का सेवन न करें।
- प्रतिदिन खाने में सिर्फ एक बड़ी चम्मच तेल एवं एक छोटी चम्मच घी से अधिक उपयोग नहीं करें।
- बच्चे प्रतिदिन आउटडोर गेम्स खेलें।
- परीक्षाओं के कारण ज्यादा मानसिक दबाव न डालें।
- रोज एक फल एवं हरी सब्जी का सेवन करें। शाकाहारी बने।
- जंग फ़ूड न खाएं जैसे बर्गर, तले हुए आलू, पिज़्ज़ा, सॉफ्ट ड्रिंक्स।
- ज्यादा टीवी न देखें।
दिनचर्या को करें नियमित
- घर की साफ़-सफाई स्वयं करें। बाजार तक पैदल ही जाएं। लिफ्ट का उपयोग आवश्यकता होने पर ही करें।
- किसी भी हालत में पेट के घेरे को 100 से.मी. से ज्यादा न बढ़ाएं।
- दैनिक जीवन में योग एवं प्राणायाम करें।
- प्रतिदिन 15 मिनट साइक्लिंग करें।
- अगर आपके पास सिर्फ दस मिनट व्यायाम का समय है तो आप या तो रस्सी कूदें, स्विमिंग करें या तेज़ चलें।