Health

सर्दी जुकाम से राहत देती- सूखी खांसी मुद्रा

सूखी खांसी या ड्राई कफ होना बहुत आम समस्या है। ज्यादातर लोग मौसम में परिवर्तन के दौरान सूखी खांसी की समस्या का सामना करते हैं। यह समस्या कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों को ज्यादा परेशान करती है। इसके कई कारण हो सकते हैं जिनमें से एक सामान्य कारण है तापमान में बदलाव या संक्रमण होना। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि जब मौसम बदलता है तो हमारा शरीर परिवर्तनों के प्रति अनुकूल होने में समय लगता है। इसी स्थिति में योग की सूखी खांसी मुद्रा लाभदायक सिद्ध हो सकती है।

Shivnarayan-Mundra

सर्दी-जुकाम, खांसी, अस्थमा आदि के लिए हम पीछे अंको में कई मुद्राओं का वर्णन कर चुके हैं- जैसे सूर्य मुद्रा, कुबेर मुद्रा, श्वसनी मुद्रा। परन्तु ये सभी मुद्राएं सूखी खांसी को दूर करने में पूर्णतः सक्षम नहीं हैं। भारत में सर्दी के मौसम में नवम्बर से फरवरी तक सुबह-शाम व रात को बहुत ठण्ड होती है। परन्तु दिन में जब सूर्य निकलता है तो ज्यादा ठंड नहीं होती, खूब तेज धूप निकलती है। इस मौसम में नमी बहुत ही कम होती है।

वायुमण्डल में असंख्य कीटाणु और विषैले तत्व जमा हो जाते हैं। श्वास रोगियों के लिए यह स्थिति अत्यंत हानिकारक होती है, विशेषतः गले और आवाज के लिए। जरा सी भी सर्दी से गले और ध्वनि मार्ग में सूजन-शोथ हो जाता है। हमारे श्वसन तंत्र को गर्म नमी युक्त वायु की आवश्यकता होती है। परन्तु इस वातावरण में बिल्कुल उल्टा ही होता है। इसीलिए इस मौसम में सूखी खांसी हो जाती है, जो जल्दी ठीक नहीं होती है। इस स्थिति से निपटने के लिए यह नई मुद्रा कारगर है।


अनामिका उंगली को मोड़कर अंगूठे की जड़ में लगाएं अर्थात् सूर्य मुद्रा बनाएं। अब इन्द्र मुद्रा और आकाश मुद्रा बना लें अर्थात् मध्यमा, कनिष्ठा और अंगूठे के अग्रभागों को मिला लें। इसको दोनों हाथों से करें।


सूर्य मुद्रा और इन्द्र मुद्रा मिलकर श्वसन तंत्र में गर्मी व नमी को उत्पन्न करती हैं। जल और अग्नि मिलकर भाप उत्पन्न करते हैं, जिससे गले को आराम मिलता है। जब गले में शोथ (सूजन) हो जाती है तो गले में रिक्त स्थान (आकाश) तत्व की कमी हो जाती है। इसी के कारण बार-बार सूखी खांसी उठती है- दम घुटने लगता है। आकाश मुद्रा से आकाश तत्व बढ़ने लगता है। अतः आकाश मुद्रा, इन्द्र मुद्रा और सूर्य मुद्रा एक साथ लग जाने से गले को बहुत आराम मिलता है।


दिन में तीन-चार बार गर्म नमकीन पानी से गरारे करने से गले के रोगों में बहुत आराम मिलता है, क्योंकि इस क्रिया से गले को गर्मी भी मिलती है और नमी भी मिलती है। इस मुद्रा के साथ-साथ नमकीन पानी के गरारे अवश्य करें क्योंकि नमक एण्टी सेप्टिक होता है। एक चम्मच हल्दी पाउडर और दो चम्मच शहद मिलाकर दिन में दो-तीन बार चाटने से सूखी खांसी ठीक होती है।


Related Articles

Back to top button