Health

सोच को पूर्ण करती है- सहयोग (कुबेर) मुद्रा

जैसा कि नाम में समाहित हैं सहयोग अर्थात् कुबेर मुद्रा के लाभ। यह अपने आप में शरीर के समस्त अंगों को परस्पर सहयोग के लिये सक्रिय तो करती ही है, साथ ही समृद्धि भी प्रदान करती है।

यह मुद्रा आत्मविश्वास पैदा करती है। यह मुद्रा लगाने के बाद सांस भरने से साईनस समस्या में बहुत लाभ मिलता है। बार-बार गहरे लम्बे श्वास लेने से साईनस में जमा श्लेष्मा दूर होता है। बन्द नाक भी खुल जाती है और साईनूसाईटिस के कारण होने वाले सिर दर्द, सिर का भारीपन भी समाप्त होता है।

इस मुद्रा के करने से तनाव दूर होता है। मुद्रा लगाने के साथ मन में यह सोचें कि मुझे क्या चाहिए? मेरे लिये क्या अच्छा है? ऐसे सकारात्मक विचार लाएं। जैसा आप सोचेंगे वैसा होना शुरु हो जाएगा। अग्नि, वायु और आकाश तत्त्वों के मिलने से तथा पृथ्वी तत्त्व और जल तत्त्वों को दबाने से आत्म विश्वास बढ़ता है और तनाव में कमी आती है।

अंतर्यात्रा और गहरे जाने के लिए, अपने आप में पूर्ण विज्ञान है मुद्राएं। इसमें हमारा कुछ लगता भी नहीं और मिलता बहुत कुछ है। इस मुद्रा से आध्यात्मिक यात्रा सहज होती है। प्यारे-प्यारे अनुभव होने लगते हैं।


कैसे करें?

पहली दोनों उंगलियों के अग्रभाग को अंगूठे के अग्रभाग से मिलाएं। बाकी दोनों उंगलियों को सीधा न रखते हुए उन्हें मोड़कर हथेली से लगा लें। बार-बार गहरी लंबी श्वास लें। आयुर्वेद के अनुसार जल और पृथ्वी तत्त्वों के मिलने से ही कफ बनता है। अतः जब पृथ्वी और जल तत्त्वों को कम कर देते हैं, तो कफ के दोष दूर होते हैं।


Related Articles

Back to top button