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ठंड में गर्मी का एहसास कराती है- सूर्य मुद्रा

यह मुद्रा सूर्य के गुणों का हमारे शरीर में विस्तार करती है तथा पृथ्वी तत्व की अधिकता को कम करती है। यही कारण है कि इसे करने से ठंड में भी गर्मी का एहसास होता है।

कैसे करें

यह मुद्रा अनामिका (RING FINGER) के शीर्ष को अगूंठे के आधार पर लगाने से तथा अंगूठे को अनामिका के ऊपर रखकर हल्का दबाने से बनती है। शेष तीनों उंगुलियां सीधी रखें।


लाभ

  • जैसे कि इस मुद्रा का नाम है, यह हमें सूर्य की गर्मी प्रदान करती है। ऊर्जा प्रदान करती है। हमें चुस्त बनाती है।
  • जो सर्दी से परेशान रहते हैं, जिन्हें सर्दी बहुत लगती है, जिनके हाथ पैर ठण्डे रहते हैं, उन्हें इस मुद्रा से लाभ होगा।
  • सूर्य मुद्रा से शरीर का मोटापा, थुलथुलापन, भारीपन, स्थूलता समाप्त होती है। वजन कम होता है। मोटापे को कम करने के लिए दिन में दो-तीन बार 15-15 मिनट इस मुद्रा का अभ्यास करें।
  • मधुमेह के रोगियों के लिए यह बहुत यह लाभकारी है। यह मुद्रा बढ़ी हुई शर्करा को जला देती है।
  • सूर्य मुद्रा से अग्नि तत्व बढ़ता है, शरीर में गर्मी पैदा होती है। इससे कफ, प्लूरेसी (Pleurisy), दमा, अस्थमा, सर्दी, जुकाम, निमोनिया, टी.बी., सायनस के रोग दूर होते हैं। सूर्य मुद्रा लगाने से 5-10 मिनट में ही सूर्य स्वर (दाई नासिका) चालू हो जाता है। इसलिए ठंड के सभी रोगों में लाभदायक है।
  • इस मुद्रा द्वारा अनामिका उंगुली से हथेली में स्थित थायरायड ग्रन्थि के केन्द्र बिन्दु पर दबाव पड़ने से थायरायड के रोग दूर होते हैं। थायरायड ग्रन्थि के कम स्राव (Hypothyroid) के कारण होने वाले सभी रोग जैसे मोटापा इत्यादि भी दूर होते हैं।
  • सूर्य मुद्रा से नेत्र ज्योति बढ़ती है और मोतियाबिन्द (Cataract) में भी लाभ मिलता है।
  • इससे कोलेस्ट्रोल कम होता है, जब मोटापा कम होता है, वजन कम होता है, शरीर की चयापचय क्रिया Body’s Metabolic Rate) ठीक होती है। तो कोलेस्ट्रोल नियंत्रण में आ जाता है।
  • तीव्र सिर दर्द में इस मुद्रा से तुरन्त आराम मिलता है। सूर्य मुद्रा मानसिक तनाव दूर करती है।
  • रक्त में यूरिया पर नियंत्रण होता है। यकृत (Liver) के रोग दूर होते हैं।

सावधानी

इस मुद्रा को सामान्यता केवल 15 मिनट तक ही करें। इसे चलते फिरते न करें। सामान्यतः गर्मी के मौसम में इसे ज्यादा देर तक न करें। दुर्बल कमजोर व्यक्ति यह मुद्रा न करें। उच्च रक्तचाप वाले भी इसे कम ही करें। परन्तु निम्न रक्तचाप में बहुत लाभदायक है।


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